

रायसिंहनगर। आगामी विधानसभा चुनावों के चलते कांग्रेस ने प्रदेश में संगठनात्मक नियुक्ति का सिलसिला शुरू कर रखा है। जिसमें ब्लॉक स्तर पर श्रींगगानगर जिले की 6 विधानसभा क्षेत्र में 12 ब्लॉक है। जिनमें कांग्रेस ने 8 ब्लॉक में अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है, केवल चार ही ब्लॉक श्रीगंगानगर के शहर एवं ग्रामीण सहित रायसिंहनगर व विजयनगर ही शेष बचा है। लेकिन इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि सभी ब्लॉक में लगभग सभी जाति का ध्यान रखा गया है। लेकिन बिश्नोई समाज से अब तक एक भी ब्लॉक में नियुक्ति नहीं मिली है। जबकि श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर ब्लॉक में स्थिति बिश्नोई समाज के डाबला स्थित धार्मिक स्थल पर हाल ही में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। वहीं राजनीति के जानकार बता रहे है कि इस बार ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति में बिश्नोई समाज को वंचित रखना पार्टी के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। वहीं आप को बता दें कि सन् 2010 से पूर्व जिले में पांच ब्लॉकों पर बिश्नोई समाज से जुड़े लोगों का दबदबा था। लेकिन इस बार कहीं न कहीं बिश्नोई समाज उपेक्षा का शिकार होता नजर आ रहा है। प्रदेश आलाकमान ने यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया तो पार्टी बिश्नोई समाज की नाराजगी झेल सकती है। आप को बता दें कि श्रीगंगानगर जिले की 8 ब्लॉकों में से दो ब्लॉक में जट सिख, 2 ब्लॉक में जाट समाज, एक ब्लॉक में मेघवाल समाज, एक ब्लॉक में नायक समाज, एक ब्लॉक में कुम्हार समाज को प्रतिनिधित्व दिया गया है। जबकि रायसिंहनगर में बिश्नोई समाज के बहु संख्यक वोटर रहते है। यहां कांग्रेस की पहले ही स्थिति कमजोर है। कहीं ऐसा नहीं कि बिश्नोई समाज की उपेक्षा कोढ में खाज का काम कर दें। कांग्रेस पाटभर्् में बिश्नोई समाज की उपेक्षा कहीं राजनीतिक बिसात है या फिर पार्टी का इस ओर ध्यान ही नहीं गया है, यह शेष बचे चार ब्लॉकों के अध्यक्ष पद की नियुक्ति के समय ही सामने आयेगा।

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