Home राजस्थान छतरगढ (बीकानेर) छत्तरगढ़ : पांच माह की मासूम के कातिल निकले मां-बाप, डर केवल इतना की सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, अब मिलेगी जेल की सलाखें … पढ़िये पूरी खबर

छत्तरगढ़ : पांच माह की मासूम के कातिल निकले मां-बाप, डर केवल इतना की सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, अब मिलेगी जेल की सलाखें … पढ़िये पूरी खबर

छत्तरगढ़ (बीकानेर)। बीकानेर जिले की छत्तरगढ़ पुलिस थाना के अन्तर्गत 22 जुलाई की शाम करीब 5 बजेएक अज्ञात दम्पत्ति द्वारा फैंकी गई बच्ची की पुलिस ने गुत्थी सुलझा ली है। जिला पुलिस अधीक्षक ने खुलासा करते हुए बताया कि बच्ची को नहर में फैंकने वाला ओर कोई नहीं बल्कि उसके माता-पिता है। पुलिस के खुलासे के बाद जिसने भी ये खबर सुनी वह हतप्रद है। पुलिस कड़ी मशक्त के बाद आरोपियों तक पहुंच पाई। लेकिन पुलिस खुलासे में आरोपियों ने बच्ची के हत्या के पिछे जो कारण बताया वह केवल सरकारी नौकरी का लालच था। केवल इतने लालच के लिए अपनी 5 माह की बच्ची की निर्मम तरीके से हत्या ने सबको झंकझौर दिया। प्रैस को दी जानकारी में पुलिस ने बताया कि छत्तरगढ़ थाना इलाके में शाम 5 बजे हुई घटना की जानकारी मिलने के साथ ही छत्तरगढ़ व खाजूवाला एरिया में नाकेबंदी कर दी गई। जहां खाजूवाला के ट्रेनी सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने एक बाइक को रोका। इस पर पुरुष, महिला और एक बच्चा था। तीनों को रोककर पूछताछ करने पर उन्होंने साले के यहां आना बताया। शक होने पर मुकेश कुमार ने इन तीनों की फोटो खींच ली। बाइक का भी फोटो लिया। झंवरलाल का आधार कार्ड का फोटो भी मोबाइल में लिया। इसके बाद जाने दिया। आला अधिकारियों को इस बारे में बताया तो दियातरा से झंवरलाल के बारे में जानकारी ली गई। यहीं से पता चला कि वो एक नहीं दो बच्चों के साथ गया था। इसमें एक पांच महीने की बच्ची भी थी। आरोपी झंवरलाल इन दिनों संविदा पर सरकारी स्कूल में टीचर लगा हुआ है। उसे उम्मीद थी कि वो जल्द ही स्थाई हो जाएगा। नौकरी में शर्त है कि दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए। हालांकि एक बच्ची को नहर में फेंकने के बाद भी उसके तीन बच्चे हैं। इनमें एक बेटी उसने बड़े भाई को गोद दे रखी है। उसका अभी भी ये कहना है कि दुर्घटनावश ही बच्ची नहर में गिर गई थी। उसने पिछले साल दिसंबर में ही खुद की दो संतान होने का शपथ पत्र दिया था। उसे अंदेशा था कि दो से ज्यादा बच्चे होने पर उसका स्थाईकरण नहीं होगा। इसी को प्रथम दृष्टया घटना का कारण माना जा रहा है। पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि झंवरलाल ने इस घटना में अपनी पत्नी को भी शामिल कर लिया। वो दो दिन पहले ही छत्तरगढ़ स्थित अपने साले के घर गया। रविवार को चार सीएचडी स्थित साले के घर से वापस दियातरा जाते समय रास्ते में बच्ची को फेंक दिया। खाजूवाला सीओ विनोद कुमार के सुपरविजन में छतरगढ पुलिस को मिली कामयाबी मे छत्तरगढ़ पुलिस के हेड कांस्टेबल सुनील बिश्रोई, सिपाही रविन्द्र, बिट्टू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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