Home राजस्थान रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर) रायसिंहनगर : रिश्तों का किया कत्ल, पुलिस ने ब्लाईंड मर्डर की तीन दिन में सुलझाई गुत्थी, कारण जान आप चौंक जायेगें … पढ़िये पूरी खबर

रायसिंहनगर : रिश्तों का किया कत्ल, पुलिस ने ब्लाईंड मर्डर की तीन दिन में सुलझाई गुत्थी, कारण जान आप चौंक जायेगें … पढ़िये पूरी खबर

रायसिंहनगर। 3 नवम्बर 2022 को पुलिस थाना रायसिंहनगर के अधीन पड़ने वाले गांव 55-56 एनपी मोड़ पर पड़े लहुलुहान शव की खबर गांव से लेकर पुलिस तक सनसनी फैला गई। पुलिस कोई एक्शन मोड में आती, उससे पहले ही मृतक की शिनाख्त 58 एनपी निवासी उमेश कुमार पुत्र हंसराज के रूप में हुई। वहीं पुलिस थाने में पहुंचकर मृतक के बड़े भाई धर्मपाल ने अपने छोटे भाई की हत्या का संदेह जताते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करवाया दिया। लेकिन ये कहां पता था कि जो परिवादी पुलिस थाने परिवाद लेकर पहुंचा था, वही हत्यारा निकलेगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनवारीलाल मीणा ने शनिवार को प्रैसवार्ता कर इस ब्लाईंड मर्डर का चौकाने वाला खुलासा किया। एएसपी मीणा ने बताया कि इस हत्या को लेकर दो थानों के प्रभारियों के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसमे तकनीकी सहयोग के लिए साईबर सैल को भी सक्रिय किया गया। प्रथम दृष्टया मृतक के भाई ने पुलिस को दिये बयान में जाचं को भटकाने के उद्देश्य से आरोप लगाया कि उसके भाई की हत्या में उसकी एक महिला मित्र एवं परिजनों का हाथ है। लेकिन ये बात जांच अधिकारियों के गले नहीं उतरी, क्योंकि की घटना के समय आरोपितों की उपस्थित घटनास्थल के आस-पास नहीं पाई गई। आरोपियों का पता लगाने के लिए मुखबिरो की मद्द ली गई। रायसिंहनगर से लेकर घटनास्थल तक पड़ने वाले रास्ते के तमाम सीसीटीवी खंखाले गये। तब जाकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आये कि उमेश को मौत के घाट उतारने वाला और कोई नहीं बल्कि उसका बड़ा भाई एवं परिवादी धर्मपाल खुद ही है। पुलिस पुछताछ में उसने अपना गुनाह कबुल करते हुए बताया कि उसने भाई की संपत्ति हड़पने के लिए ही यह मर्डर किया है।
जांच टीम में ये रहे शामिल
वहीं इस घटना के खुलासे के लिए पुलिस के आलाधिकारियों ने दो टीम गठित की। जिसमें एक टीम पुलिस थाना रायसिंहनगर के प्रभारी गणेश कुमार बिश्नोई हैड कांस्टेबल दलीप कुमार, कांस्टेबल विनोद कुमार, सुरजभान, बलकरण, भोलाराम एवं साईबर सेल एक्सपर्ट मंगतराम शामिल रहे। वहीं दूसरी टीम में मुकलावा पुलिस थानाप्रभारी प्रहलाद शर्मा, हैड कांस्टेबल विजय एवं कांस्टेबल रविन्द्र शामिल रहे। इस पूरे घटना के खुलासे के लिए हैड कांस्टेबल विजय कुमार, कांस्टेबल बलकरण, मंगतराम का विशेष योगदान रहा।

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