

रायसिंहनगर। पिछले कई दिनों से शमशान भूमि को लेकर चले रहे विवाद एवं धरना-प्रदर्शन के खिलाफ भू-संस्कार करने वाले समस्त समाज ने आज जिला कलेक्टर के नाम से उपखण्ड अधिकारी अर्पिता सोनी के मार्फत ज्ञापन सौंप कर भू-संस्कार के लिए मंजूरशुदा शमशान भूमि की निशानदेही की मांग रखी है। वहीं आज दोपहर बाद बिश्नोई समाज के एक प्रतिनिधि मण्डल ने बिश्नोई मंदिर रायसिंहनगर के प्रधान वरिष्ठ एडवोकेट राजाराम पूनियां के नेतृत्व में प्रशासन के साथ वार्ता कर मामले में हस्तक्षेप कर आरक्षित भूमि की निशानदेही की मांग रखी। वहीं सर्व समाज ने जिला कलेक्टर को भेजे ज्ञापन में कहा कि कुछ लोगों द्वारा शमशान भूमि की जगह को कब्रिस्तान बताकर गुमराह किया जा रहा है। जो सही नहीं है। शमशान भूमि स्वीकृति आदेश के विरूद्ध श्रीमान संभागीय आयुक्त बीकानेर के यहां की गई अपील को खारिज कर दिया था। वहीं कुछ लोगों द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि शिव मंदिर की भूमि पर शमशान भूमि के लिए जगह आवंटित की गई, जो कि सरासर गलत है। शमशान भूमि के लिए सरकारी व खाली भूमि आवंटित की गई है। रायसिंहनगर शहर में अशांति न फैले इसके लिए प्रशासन को मंजूरशुदा जगह की निशानदेही की जाकर जनहित में तारबंदी सुनिश्चित करवाई जाये।
ये है मामला
26 मार्च 2021 को तहसीलदार (राजस्व) द्वारा उपजिला कलेक्टर रायसिंहनगर को भेजी जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हल्का पटवारी, गिरदावर रायसिंहनगर एवं नगरपालिका कार्मिकों द्वारा भूमि की पेमाईश कर जांच रिपोर्ट तैयार की गई थी। जिसमें बताया गया कि भू-प्रबंध खतौनी सम्वत 2037-46 व हाल जमाबंदी चक 25 पीएस के प.न. 206/286 मु.न. 11 के किला नम्बर 5/2//.076, 6/2/139, 15/2/139 कुल 0.354 हैक्टर गैरमुकिन शमशान के नाम दर्ज है। परन्तु मौका पर शमशान के नाम पर दर्ज भूमि पर गौशाला एवं शिव मंदिर संचालित कर रखा है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से शिव मंदिर कमेटी एवं स्थानीय लोगों ने संघर्ष समिति बनाकर प्रशासन के खिलाफ पूरे शहर में धरना-प्रदर्शन कर इस भूमि को शिव मंदिर की बताकर इसे शमशान भूमि के नाम आंवटित करने का विरोध कर रहे है। जबकि हकीकत में जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि जिस जगह शिव मंदिर एवं गौशाला बना है वह शमशान भूमि के नाम रिजर्व है। सरकार एवं न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी जोड़ पायतन एवं शमशान एवं सार्वजनिक जगह के लिए आरिक्षत भूमि पर पट्टे काटना या उसका भू-रूपान्तरण करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। फिलहाल स्थानीय प्रशासन दोनों पक्षों के साथ वार्ता कर मामले में शांतिपूर्ण हल की कौशिश में जुटा है। आज शाम प्रशासन के साथ वार्ता में वरिष्ठ अधिवक्ता राजाराम पूनियां, हेतराम बोळा, सुरेन्द्र बिश्नोई, पूर्व पार्षद देवीलाल बिश्नोई, कानू गोदारा, कैलाश मेघवाल, किशोर बारूपाल आदि शामिल रहे। वहीं प्रशासन की और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बी.एल. मीणा, उपखण्ड अधिकारी अर्पिता सोनी, पुलिस उप अधीक्षक अनु बिश्नोई, थानाप्रभारी गणेश कुमार बिश्नोई शामिल हुए।

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