

नोहर (हनुमानगढ़)। शुक्रवार को केवीके ने वर्चुअल उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम का किया आयोजन कर खाद का सही उपयोग कैसे हो इसकी जानकारी दी। इस मौके पर केवीके प्रभारी नोहर डॉ. मनोहर सैन ने बताया कि वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर संतुलित तरीके से ही खाद देवें। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. सैन ने कार्यक्रम में जुड़े सभी किसानों को कहा कि वे वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर संतुलित तरीके से ही खाद व उर्वरको का प्रयोग करें। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि किसान भाई अधिक से अधिक संख्या में मृदा की जांच करवा कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही खेती में संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। मुख्य वक्ता अक्षय घिंटाला, प्रसार शिक्षा विशेषज्ञ ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया है कि हमारे यहां मृदा में कार्बनिक स्तर नीचे गिरा है, जिससे फसलों के उत्पादन पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। मृदा में जैविक कार्बन को बढ़ाने के लिए अभी से प्रयास करना अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में मृदा के स्वास्थ्य को सुधार कर कृषि से अच्छा उत्पादन लिया जा सके। साथ ही उन्होंने मृदा स्वास्थ्य सुधार, फसल पोषण में मृदा परीक्षण का महत्व, मृदा नमूना लेने की विधि, मृदा का नमूना लेने हेतु निर्धारित क्षेत्र एवं गहराई, मृदा नमूना लेते और तैयार करते समय बरती जाने वाली सावधानियां, जैव उर्वरकों का प्रभावी इस्तेमाल, उच्च गुणवत्ता युक्त कंपोस्ट बनाने इत्यादि बिंदुओं पर चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में डॉ. रामचंद्र तिवाड़ी कार्यक्रम में जुड़े सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, नोहर से भैरू सिंह चौहान, अंजली शर्मा एवं पशु अनुसंधान केन्द्र नोहर से डॉ. धर्मवीर, डॉ. अदरीश भाटी, डॉ. नीरज और कुल 50 किसान युवा उद्यमियों, किसानों व महिला किसानों ने भाग लिया।

Pawan: Good knowledge...